अलंकार 1 1 / 50 जब कोई बात सीधे-सादे रूप में न कहकर किसी के माध्यम से कही जाए तो वहाँ कौन-सा अलंकार होता है? अन्योक्ति विरोधाभास संदेह व्यतिरेक 2 / 50 जहाँ अनेक व्यंजनों की एक बार स्वरूपतः व क्रमशः आवृत्ति हो, वहाँ कौन-सा अनुप्रास प्रयुक्त होता है? छेकानुप्रास लाटानुप्रास वृत्यानुप्रास वक्रोक्ति 3 / 50 “कहे कवि बेनी-बेनी व्याल की चुराई लीनी ।” इसमें कौन से अलंकार का प्रयोग हुआ है? यमक रूपक अन्योक्ति उपमा 4 / 50 “यह देखिए अरविन्द से शिशु वृंद कैसे सो रहे पंक्ति में ‘ अरविन्द शब्द क्या है? साधारण धर्म उपमान वाचक उपमेय 5 / 50 “राम साधु, तुम साधु सुजाना। राम मातु, भली मैं पहिचाना।” वर्णित लोकोक्ति में अलंकार बताइए? विभावना विशेषोक्ति व्याजस्तुति व्याजनिन्दा 6 / 50 जहाँ जड़ पर चेतन का आरोप हो वहाँ अलंकार होता है। उपमा मानवीकरण अनुप्रास श्लेष 7 / 50 माँ के शुचि उपकारों का, जीवन में अन्त नहीं है। निस्वार्थ साधना पथ पर, माँ जैसा सन्त नहीं है । उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में मुख्य रूप से कौन-सा अलंकार लक्षित हो रहा है? प्रतीप अनन्वय विभावना विशेषोक्ति 8 / 50 अँखियाँ हरि दरसन की भूखीं। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? मानवीकरण वृत्यानुप्रास वक्रोक्ति उपमा 9 / 50 दिए गए विकल्पों में से भ्रांतिमान अलंकार का उदाहरण कौन-सा है? सखि मयंक तब मुख सम सुंदर ओस बिन्दु चुग रही हंसिनी मोती उनको जान तारे आसमान के हैं आये मेहमान बनि हरिमुख मानो मधुर मयंक 10 / 50 ‘जहाँ किसी की बात किसी और पर डाल कर कही जाये’ वह कौन-सा अलंकार है? दृष्टां अन्योक्ति अतिशयोक्ति असंगति 11 / 50 अलंकारों के मुख्य भेद कितने हैं? 6 10 2 5 12 / 50 ‘सागर-सा गम्भीर हृदय हो, गिरी-सा ऊँचा हो जिसका मन।’ इस वाक्य में कौन-सा अलंकार है? उपमा यमक उत्प्रेक्षा श्लेष 13 / 50 भ्रांतिमान अलंकार का उपयुक्त उदाहरण कौन-सा है? वह टूटे तरु की छूटी लता सी दीन मेरी भवबाधा हरो, राधा नागरि सोइ सफरी से चंचल घने, मृग से पीने सुऐन ओस बिन्दु चुग रही हंसिनी मोती उनको जान 14 / 50 दिए गए विकल्पों में से अनुप्रास अलंकार का उचित उदाहरण पहचानिए? कानन कठिन भयंकर भारी अब जीवन में नहीं जीवन है। सारंग ले सारंग चली नवजीवन दो घनश्याम हमें 15 / 50 ‘वह दीपशिखा सी शांत भाव में लीन इस वाक्य में प्रयुक्त अलंकार पहचानिए? उत्प्रेक्षा सांगरूपक रूपक उपमा 16 / 50 रघुपति राघव राजा राम में कौन-सा अलंकार है? उपमा श्लेष रूपक अनुप्रास 17 / 50 भ्रांतिमान अलंकार का उदाहरण निम्न में से कौन-सा है? नाक का मोती अधर की कांति से, बीज दाड़िम का समझकर भ्रांति से उदित उदयगिरी मंच पर रघुबर बाल पतंग सीतल चंदन चंदहू, लगे जरावन गात सोहत ओढत पीत पट, स्याम सलोने गात 18 / 50 जहाँ शब्दों के अर्थ से चमत्कार स्पष्ट हो, वहाँ माना जाता है। वीप्सा अलंकार विभावना अलंकार प्रश्न अलंकार अर्थालंकार 19 / 50 निम्नलिखित में से ‘उत्प्रेक्षा अलंकार का उदाहरण चुनिए? काली घटा का घमण्ड घटा मानो घर-घर न हो कोई चिड़ियाघर हो ये हैं सरस ओस की बूँदे या हैं मंजुल मोती उषा उदास आती है 20 / 50 रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून । पानी गए न ऊबरे, मोती मानुस चून ।” वर्णित लोकोक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचानिए? श्लेय रूपक यमक उत्प्रेक्षा 21 / 50 ‘एक रम्य उपवन था, नंदन वन-सा सुन्दर’ इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? उपमा विरोधाभास उत्प्रेक्षा विभावना 22 / 50 ‘जहाँ उपमालंकार का सौन्दर्य अर्थ में निहित हो’ वह कौन-सा अलंकार कहलाता है? अर्थालंकार शब्दालंकार अलंकार उभयालंकार 23 / 50 अतिकाटू वचन कहति कैकेई मानहु लोनजरे पर देई ।’ इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? श्लेष यमक विभावना उत्पेक्षा 24 / 50 निम्नलिखित विकल्पों में से कौन-सा उपमा अलंकार का भेद नहीं है? साधारण धर्म उपमान लक्षण वाचक 25 / 50 “सजना है मुझे सजना के लिए। ” में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है? यमक छेकानुप्रास रूपक अनुप्रास 26 / 50 “वे तुम सम तुम उन सम स्वामी में अलंकार का कौन-सा रूप है? भ्रांतिमान उपमा सन्देह रूपक 27 / 50 नीर भरे नित प्रति रहें तऊ न प्यास बुझाई’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? उपमा विभावना विशेषोक्ति अतिशयोक्ति 28 / 50 जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है वहाँ कौन-सा अलंकार होता है? अर्थ- श्लेष यमक श्लेष शब्दश्लेष 29 / 50 ‘वह शर इधर गाण्डीव गुण से भिन्न जैसे ही हुआ । घड़ से जयद्रथ का उधर सिर छिन्न वैसे ही हुआ ॥’ उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सी अतिशयोक्ति है? सम्बन्धातिशयोक्ति अक्रमातिशयोक्ति असम्बन्धातिश्योक्ति अत्यन्ताशियोक्ति 30 / 50 ‘चिरंजीवों जोरी जुरे क्यों न सनेह गम्भीर ।’ इसमें कौन से अलंकार का प्रयोग हुआ है? उपमेय उपमान श्लेष अनुप्रेक्षा 31 / 50 जब किसी वाक्य को अर्थों के आधार पर सजाया जाता है तो उसे क्या कहते हैं? अलंकार अर्थ अर्थालंकार शब्दालंकार 32 / 50 “आई ऐसी अद्भुत बेला न रो सका न विहँस सका।” दोहे में कौन-सा अलंकार है? उपमा वीप्सा अलंकार विरोधाभास अलंकार अनुप्रास अलंकार 33 / 50 वीप्सा अलंकार’ को दूसरे किस नाम से जाना जाता है? प्रश्न अलंकार पूर्णोपमा अलंकार पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार लुप्तोपमा अलंकार 34 / 50 ‘ अचल दृग हो उठते चंचल । चपल पग हो जाते अविचल ।’ इस पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचानिए? विरोधाभास उपमा संदेह भ्रांतिमान 35 / 50 “चरण कमल बंदौ हरि राई ।” कमल शब्द कौन-सा अलंकार दर्शा रहा है? उत्प्रेक्षा यमक रूपक श्लेष 36 / 50 ‘उपमा अलंकार’ में ‘उप’ का अर्थ क्या है? समीप ऊपर तौलना बादल 37 / 50 ‘ बिरह – हस्ति तन साले, घाय करें चित्त चूर’ इसमें किस अलंकार का प्रयोग हुआ है? श्लेष रूपक पुनरुक्ति विशेषोक्ति 38 / 50 पानी गए न ऊबरे, मोती मानुस चून उपर्युक्त दोहे में कौन से अलंकार का प्रयोग किया गया है? यमक अतिशयोक्ति अनुप्रास श्लेष 39 / 50 ‘बूँद अघात सहै गिरि कैसे । खल के बचन सन्त सह जैसे ।’ में अलंकार है? उपमा रूपक उत्प्रेक्षा उदाहरण 40 / 50 ‘उतरि नहाये जमुन जल जो सरीर सम स्याम पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? विशेषोक्ति प्रतीप विभावना उपमा 41 / 50 किसी युक्ति से समर्थित की गयी बात में कौन-सा अलंकार होता है? दृष्टान्त काव्यलिंग व्यतिरेक प्रतिवस्तूपमा 42 / 50 पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। पंक्ति के आधार पर सही अलंकार चुनिए? उत्प्रेक्षा अलंकार उपमा रूपक अलंकार अनुप्रास 43 / 50 बीती विभावरी जाग री अम्बर पनघट में डुबो रही तारा घट ऊषा – नागरी ॥ में अलंकार है? उपमेयोपमा रूपक उत्प्रेक्षा उपमा 44 / 50 नितप्रति पून्यो ही रहे आनन ओप उजास में अलंकार है? अनुप्रास उपमा उत्प्रेक्षा अतिशयोक्ति 45 / 50 “नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहि काल अली कली ही सौं बिंध्यों आगे कौन हवाल उपर्युक्त दोहे में कौन से अलंकार का प्रयोग किया गया है? अतिशयोक्ति अलंकार व्यतिरेक अलंकार अपहनुति अलंकार अन्योक्ति अलंकार 46 / 50 जहाँ किसी वस्तु का लोक-सीमा से इतना बढ़ कर वर्णन यिका जाये कि वह असम्भव की सीमा तक पहुँच जाय, वहाँ अलंकार होता है? विरोधाभास अतिश्योक्ति उत्प्रेक्षा अत्युक्ति 47 / 50 “उपमेय, उपमान साधारण धर्म और वाचक’ किस अलंकार के भेद हैं? श्लेष अलंकार उपमा अलंकार वीप्सा अलंकार यमक अलंकार 48 / 50 मैया मोरी में नहिं माखन खायौ पंक्ति में ‘म’ व्यंजन की आवृत्ति हुई है। वर्ण की आवृत्ति किस अलंकार में होती है? श्लेष यमक अनुप्रास अतिशयोक्ति 49 / 50 हरिपद कोमल कमल से इस उक्ति में कौन-सा अलंकार है? उत्प्रेक्षा यमक रूपक उपमा 50 / 50 जहाँ गाँठ तहाँ रस नहीं, यह जानत सब कोई में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है? श्लेष उपमा अनुप्रास यमक Your score isThe average score is 45% 0% Restart quiz अलंकार 2 1 / 50 ………… यह पंक्ति यमक अलंकार का भेद नहीं है। कर का मनका डारि दे मन का मनका फेर खगकुल कुल-कुल-सा बोल रहा सूरज है जग का बुझा-बुझा तीन बेर खाती थी वो तीन बेर खाती है 2 / 50 धरती ने खिलाये हैं ज्वलंत लाल लाल’ पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचानें? अनुप्रास पुनरुक्ति प्रकाश उत्प्रेक्षा मानवीकरण 3 / 50 निम्न में से भ्रांतिमान अलंकार का उदाहरण कौन-सा है? ये हैं सरस ओस की बूँदें या हैं मंजुल मोती। वह दीपशिखा सी शांत भाव में लीन । एक रम्य उपवन था नंदनवन – सा सुंदर । ओस बिन्दु चुग रही हंसिनी मोती उनको जान । 4 / 50 “चरण कमल बन्दौ हरि राई।” पंक्ति में ‘चरण कमल’ का अर्थ क्या है? कमल के फूल पर पैर कमल के फूल जैसे पैर पैरों पर कमल के फूल पैर और कमल का फूल 5 / 50 “रघुकुल रीति सदा चलि आई, प्राण जाये पर वचन न जाई। प्रस्तुत पंक्ति में कौन- सा अलंकार प्रयुक्त हुआ है? अन्त्यानुप्रास लाटानुप्रास वृत्यानुप्रास श्रुत्यानुप्रास 6 / 50 ‘हीरक सी समीर माला जाप पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचानें? उत्प्रेक्षा उपमा यमक अनुप्रास 7 / 50 इनमें से कौन-सा अर्थालंकार का भेद नहीं है? अतिशयोक्ति रूपक यमक उपमा 8 / 50 वर्णों की एक से अधिक बार आवृत्ति किस अलंकार में होती है? अनुप्रास अलंकार श्लेष अलंकार उपमा अलंकार रूपक अलंकार 9 / 50 निम्न में से किसमें विरोधाभास अलंकार का बोध होता है? जान पड़ता है नेत्र देख बड़े-बड़े प्रियतम को समझ या कामिनी न जा सकी न ठहर सकी देख लो साकेत नगरी है यही स्वर्ग को जा रही। विरह है अथवा यह वरदान। 10 / 50 ‘प्रश्न चिह्नों में उठी हैं, भाग्य सागर की हिलोरें ।” इस काव्य पंक्ति में कौन-सा अलंकार प्रयुक्त है? यमक रूपक अनुप्रास उपमा 11 / 50 जहाँ एक ही वर्ण की बार-बार आवृत्ति होती है वहाँ अलंकार होगा? उपमा अनुप्रास श्लेष यमक 12 / 50 छाया है माथे पर आशीर्वाद सा’ पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचानें? श्लेष अनुप्रास पुनरुक्ति उपमा 13 / 50 निम्नलिखित में कौन-सा अर्थालंकार नहीं है? विरोधाभास श्लेष विभावना भ्रांतिमान 14 / 50 जहाँ एक शब्द के अनेक अर्थ निकलें, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है? अनुप्रास उपमा रूपक श्लेष 15 / 50 ‘मैया! मैं तो चन्द्र- खिलौना लैहों ।’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? श्लेष अलंकार रूपक अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार यमक अलंकार 16 / 50 अलंकार के मुख्यतः भेद निम्न में से कौन से माने जाते हैं? शब्दालंकार, अर्थालंकार तथा उभयालंकार भावालंकार, मिश्रालंकार तथा उभयालंकार शब्दालंकार, मिश्रालंकार तथा अर्थालंकार शब्दालंकार, अर्थालंकार तथा रसालंकार 17 / 50 ‘कमल नयन’ में अलंकार है? श्लेष उत्प्रेक्षा रूपक उपमा 18 / 50 “दूर-दूर तक विस्तृत था हिम, स्तब्ध उसी के हृदय समान” यह पंक्ति किस अलंकार का उदाहरण है? व्यतिरेक उत्प्रेक्षा प्रतीप संदेह 19 / 50 जहाँ अमानव में मानवीय गुणों का आरोपण हो, वहाँ माना जाता है। अर्थालंकार मानवीकरण उपमा दृष्टांत 20 / 50 “बूंद अघात सहहिं गिरि कैसें खल के वचन संत सह जैसे इस पंक्ति में कौन से अलंकार का प्रयोग हुआ है? दृष्टांत उपमा रूपक विभावना 21 / 50 ‘आगे नदिया पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार । राणा ने देखा इस पार तब तक चेतक था उस पार’ दी गई पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? अनुप्रास उपमा अतिशयोक्ति उत्प्रेक्षा 22 / 50 जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना प्रकट की जाती है वहाँ ….. अलंकार होता है। दिए गए विकल्पों में से सही का चयन करें? श्लेष अनुप्रास विभावना उत्प्रेक्षा 23 / 50 गंगा क्यों टेढ़ी चलती हो, दुष्टा को शिव कर देती हो’ इस वाक्य में कौन-सा अलंकार है? व्याजस्तुति अलंकार विभावना अलंकार विशेषोक्ति अलंकार व्याजनिन्दा अलंकार 24 / 50 ‘जब से है आँख लगी तब से न आँख लगी’ इसमें कौन-से अलंकार का प्रयोग हुआ है? अन्योक्ति अतिशयोक्ति विरोधाभास सन्देह 25 / 50 ‘जानि श्याम घनश्याम को नाचि उठे वन मोर पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? असंगति सन्देह उत्प्रेक्षा भ्रांतिमान 26 / 50 उषा उदास आती है। इसमें किस अलंकार का प्रयोग हुआ है? यमक मानवीकरण उपमा विभावना 27 / 50 “जो घनीभूत पीड़ा थी मस्तक में स्मृति सी छाई दुर्दिन में आँसू बनकर वह आज बरसने आई।” अलंकार बताइए? यमक श्लेष वक्रोक्ति अनुप्रास 28 / 50 इनमें से कौन-सा विकल्प ‘शब्दालंकार’ का भेद नहीं है? श्लेष यमक अनुप्रास रूपक 29 / 50 चन्द्रमा सी अलौकिकता वाले घनश्याम, तुम्हें मेरा प्रणाम” प्रस्तुत पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार कौन सा है? उपमा अनुप्रेक्षा रूपक उपमेय 30 / 50 ‘निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाय बिनु पानी साबुन बिना, निरमल करत सुभाय ॥ पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार बताइए? उपमा विभावना विशेषोक्ति विरोधाभास 31 / 50 काली घटा का घमंड घटा अलंकार बताइए? यमक अलंकार उपमा अलंकार रूपक अलंकार अनुप्रास अलंकार 32 / 50 “काजल की रेख-सी कतार है खजूर की ” इस पंक्ति में अर्थालंकार का कौन सा भेद झलकता है- मानवीकरण उत्प्रेक्षा रूपक उपमा 33 / 50 निम्न विकल्पों में से ‘संदेह अलंकार’ का उदाहरण कौन सा विकल्प है? एक रम्य उपवन था, नन्दन वन-सा सुन्दर रति सम रमणीय मूर्ति राधा की मानो घर-घर ना हो, कोई चिड़ियाघर हो यह काया है या शेष उसी की छाया 34 / 50 उत्प्रेक्षा अलंकार कब हो सकता है? उपमेय व उपमान में समानता की स्थापना हो। उपमेय का निषेध कर उपमान की स्थापना हो जब उपमेय पर उपमान का आरोप हो उपमेय में उपमान की कल्पना हो 35 / 50 ………. अर्थालंकार का एक प्रकार है। यमक अनुप्रास श्लेष अतिशयोक्ति 36 / 50 सागर-सा गम्भीर हृदय हो, गिरी-सा ऊँचा हो जिसका मन प्रस्तुत पंक्ति में साधारण धर्म कौन सा है? गम्भीर और ऊँचा हृदय मन सागर और गिरि 37 / 50 उपमेय और उपमान के बीच समानता बताने वाले शब्द को कहते हैं। उपमान रूपक उपमा वाचक 38 / 50 “देख दशा रघुवीर की वृक्ष फूट-फूट कर रोये” इस पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार कौन- सा है? मानवीकरण अलंकार प्रतीप अलंकार शब्दालंकार अंगज अलंकार 39 / 50 “सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात । मनो नीलमनि सैलपर आतप परयौ प्रभात ॥” रूपक अतिशयोक्ति अनुप्रास उत्प्रेक्षा 40 / 50 खंजन मीन सरोजनि की छवि गंजन नैन लला दिन होनो। भौंह कमान सो जोहन को सर बेधन प्राननि नंद को छोनो। इस पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार कौन-सा है? अनुप्रास यमक व्यतिरेक रूपक 41 / 50 “फूलसी सुकोमल मृदु भावमयी देवयानी; कच के बिना न जी सकेगी, यह निश्चित है। रूपक अतिशयोक्ति उपमा उत्प्रेक्षा 42 / 50 दिए गए विकल्पों में से ‘विभावना’ अलंकार का उदाहरण पहचानिए? बिनु पद चलै सुनै बिनु काना श्याम गौर किमि कहौ बखानी या अनुरागी चित्त की गति समुझहि नाहि शीतल ज्वाला जलती है, ईंधन होता दृग जल का 43 / 50 कौन रोक सकता है उसकी गति ? गरज उठते जब मेघ, कौन रोक सकता विपुल नाद ?’ पंक्तियों की रचनानुसार अलंकार पहचानिए? वीप्सा अलंकार प्रश्न अलंकार अर्थ श्लेष अलंकार शब्द श्लेष अलंकार 44 / 50 निम्नलिखित प्रश्न के चार विकल्पों में से उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है- तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाये श्लेष अलंकार अनुप्रास अलंकार यमक अलंकार अलंकार 45 / 50 जहाँ एक ही शब्द एक से अधिक बार आए तथा उसके भिन्न-भिन्न अर्थ हो, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है? श्लेष अनुप्रास यमक अर्थालंकार 46 / 50 ‘………..’, यह पंक्ति अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है। नवजीवन दो घनश्याम हमें चरण कमल बंदौ हरि राई देखिए, फूल – सी बच्ची तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए 47 / 50 ‘पीपर-पात सरिस मन डोला’ इस पंक्ति में ‘मन’ क्या है? उपमान उपमेय साधारण धर्म वाचक 48 / 50 यह जीवन क्या है, निर्झर है। इस वाक्य में प्रयुक्त अलंकार पहचानिए? व्यतिरेक अलंकार अतिशयोक्ति अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार रूपक अलंकार 49 / 50 ‘तुलसी मन-मंदिर में बिहरैं यह पंक्ति किस अलंकार में अलंकृत की गई है? मानवीकरण उपमा रूपक पुनरुक्तिप्रकाश 50 / 50 ……… बताते हैं कि यहाँ शब्दों में चमत्कार है तथा……….. बताते हैं यहाँ अर्थ में अद्भुत सौंदर्य है। अनुप्रास, श्लेष शब्दालंकार, अर्थालंकार यमक, शब्दालंकार रूपक, उपमा Your score isThe average score is 56% 0% Restart quiz अलंकार 3 1 / 50 उसी तपस्वी से लम्बे थे, देवदार दो-चार खड़े, में अलंकार है? अतिशयोक्ति प्रतीप श्लेष परिसंख्या 2 / 50 पराधीन जो जन, नहिं स्वर्ग-नरक ता हेतु । पराधीन जो जन नहीं, स्वर्ग, नरक ता हेतु ॥ उपर्युक्त पंक्तियों में अलंकार हैं? अनुप्रास उपमा यमक श्लेष 3 / 50 सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है, कि सारी ही की नारी है कि नारी ही की सारी है। उपर्युक्त में कौन-सा अलंकार है? भ्रान्तिमान उपमा रूपक संदेह 4 / 50 ‘सेस महेस गर्नस दिनेस सुरेसहू जाहि निरंतर गावै’ इस पंक्ति में अलंकार है? अनुप्रास रूपक यमक श्लेष 5 / 50 निम्नलिखित प्रश्न के चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है- रघुपति राघव राजा राम यमक अलंकार रूपक अलंकार अनुप्रास अलंकार उपमा अलंकार 6 / 50 ‘लाल चेहरा है नहीं. फिर लाल किसके में कौन-सा अलंकार है? अनुप्रास यमक उपमा रूपक 7 / 50 ‘सुबरन को खोजत फिरत कवि, व्यभिचारी, चोर’ में किस अलंकार को प्रदर्शित किया गया है? यमक उपमा रूपक श्लेष 8 / 50 को तुम ? है घनश्याम हम तो बरसो कित जायें नहि, मनमोहन है प्रिये फिर क्यों पकरत पायँ । प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? लाटानुप्रास वक्रोक्ति यमक श्लेष 9 / 50 बिनु पद चलै सुने बिनु काना कर बिनु कर्म करे विधि नाना। इस चौपाई में अलंकार है? विषम विभावना तद्गुण असंगति 10 / 50 बालों को खोलकर मत चला करो, दिन में रास्ता भूल जाएगा सूरज ! प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? लाटानुप्रास यमक वक्रोक्ति अतिशयोक्ति 11 / 50 ‘ संदेसनि मधुवन कृप भरे’ में कौन-सा अलंकार है? रूपक वक्रोक्ति अन्योक्ति अतिशयोक्ति 12 / 50 ‘उस काल मारे क्रोध के तनु काँपने उनका लगा मानो हवा के जोर से, सोता हुआ सागर जागा।’ इस उद्धरण में कौन- सा अलंकार है? उपमा उत्प्रेक्षा रूपक अतिशयोक्ति 13 / 50 निम्न में कौन-सा अलंकार है- माला फेरत जुग भया, गया न मन का फेर कर का मनका डारि कै, मन का मनका फेर? लाटानुप्रास वृत्यनुप्रास यमक श्रुत्यनुप्रास 14 / 50 . ‘मुख रूपी चाँद पर राहु भी धोखा खा गया’ पंक्तियों में अलंकार है? वक्रोक्ति उपमा रूपक श्लेष 15 / 50 काली घटा का घमण्ड घटा, नभ मण्डल तारक वृंद खिले प्रस्तुत पंक्तियों में कौन- सा अलंकार है? श्लेष लाटानुप्रास यमक वक्रोक्ति 16 / 50 नाक का मोती अधर की क्रांति से बीच दाड़िम का समझ कर भ्रांति से, देखकर सहसा हुआ शुक मौन है, सोचता है अन्य शुक यह कौन है ? प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? रूपक वक्रोक्ति श्लेष भ्रांतिमान 17 / 50 पूत कपूत तो क्यों धन संचय । पूत सपूत तो क्यों धन संचय ॥ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? छेकानुप्रास लाटानुप्रास अन्त्यानुप्रास वृत्यनुप्रास 18 / 50 चरण कमल बन्दौ हरिराई पंक्ति में अलंकार है? रूपक श्लेष अतिशयोक्ति उपमा 19 / 50 ‘खग-कुल कुल-कूल सा बोल रहा रेखांकित शब्दों का अलंकार है? यमक श्लेष रूपक उपमा 20 / 50 उपमेय में कल्पित उपमान की सम्भावना को कहते हैं? श्लेष उपमा अनुमान उत्प्रेक्षा 21 / 50 निम्नलिखित प्रश्न के चार विकल्पों में से उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है भिखारिन को देखकर पट देत बार-बार श्लेष अलंकार अतिशयोक्ति अलंकार रूपक अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार 22 / 50 सोहत औढ़ें पीत पटु, स्याम सलौने गात । मनौ नीलमनि सैल पर आतप परयौ प्रभात ॥’ उपर्युक्त दोहे में कौन-सा अलंकार है? रूपक श्लेष उत्प्रेक्षा उपमा 23 / 50 निम्नलिखित में से कौन सादृश्यमूलक अलंकार नहीं है? रूपक उत्प्रेक्षा विशेषोक्ति उपमा 24 / 50 जब काव्य में एक शब्द की आवृत्ति दो या दो से अधिक बार होती है, परन्तु उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं, वहाँ पर होता है? रूपक अलंकार यमक अलंकार अनुप्रास अलंकार उपमा अलंकार 25 / 50 तरणि के ही संग तरंग में, तरणि डूबी थी हमारी ताल में।’ इसमें प्रयुक्त अलंकार है? श्लेष रूपक यमक उत्प्रेक्षा 26 / 50 पीपर पात सरिस मन डोला। पीपर पात’ उपमा अलंकार का कौन-सा अंग है? उपमान वाचक साधारण धर्म उपमेय 27 / 50 ‘फूले काँस सकल महि छाई, जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई में अलंकार है? श्लेष रूपक उत्प्रेक्षा यमक 28 / 50 ‘मुदित मनोहर मानस देखा’ पंक्ति में अलंकार है? उपमा अनुप्रास रूपक यमक 29 / 50 तीन बेर खाती वो तीन बेर खाती हैं।’ पंक्ति में अलंकार चयनित कीजिए? श्लेष अन्योक्ति अनुप्रास यमक 30 / 50 मुख कमल समीप सजे थे, दो किसलय दल पुराइन के उपर्युक्त पंक्तियों में कौन- सा अलंकार है? उपमा रूपक अतिशयोक्ति उत्प्रेक्षा 31 / 50 ‘रहिमन पुतरी श्याम, मनहु जलज मधुकर लसै प्रस्तुत पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? रूपक उपमा यमक उत्प्रेक्षा 32 / 50 नीचे लिखे विकल्पों में से कौन-सा विकल्प रूपक अलंकार से सम्बन्धित है? इसका मुख ही चन्द्रमा है इसका मुख चन्द्रमा के समान है यह मुख है अथवा चन्द्रमा है चन्द्रमा इसके मुख के सामने हैं। 33 / 50 ‘चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से में कौन-सा अलंकार है? यमक उत्प्रेक्षा श्लेष अनुप्रास 34 / 50 खिली हुई हवा आई. फिरकी-सी आई चली गई पंक्ति में अलंकार है? अनुप्रास सम्भावना उपमा उत्प्रेक्षा 35 / 50 ‘चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थीं, जल थल में’ इसमें कौन-सा अलंकार है? उत्प्रेक्षा उपमा रूपक अनुप्रास 36 / 50 जहाँ उपमेय में अनेक उपमानों की शंका होती है वहाँ कौन-सा अलंकार होता है? संदेह भ्रांतिमान श्लेष यमक 37 / 50 शशि- मुख पर घूँघट डाले, अंचल में दीप छिपाए । प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? रूपक वक्रोक्ति श्लेष लाटानुप्रास 38 / 50 जहाँ बिना कारण के कार्य का होना पाया जाए, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है? भ्रांतिमान विरोधाभास विशेषोक्ति विभावना 39 / 50 निम्नलिखित में कौन-सा शब्दालंकार है? रूपक उत्प्रेक्षा उपमा यमक 40 / 50 जहाँ शब्दों, शब्दांशों या वाक्यांशों की आवृत्ति हो, किन्तु उनके अर्थ भिन्न हों, वहाँ निम्न अलंकार होता है? यमक वक्रोक्ति श्लेष रूपक 41 / 50 पायो जी मैंने राम रतन धन पायो । प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? लाटानुप्रास वक्रोक्ति रूपक श्लेष 42 / 50 ‘जननी तू जननी भई विधि सन कछु न बसाय’ में कौन सा अलंकार है? वृत्यनुप्रास लाटानुप्रास छेकानुप्रास इनमें से कोई नहीं 43 / 50 जहाँ अनेक वर्णों की आवृत्ति केवल एक बार होती है वहाँ होता है? श्लेष छेकानुप्रास यमक बक्रोक्ति 44 / 50 उषा सुनहले तीर बरसती, जयलक्ष्मी सी उदित हुई। इसमें अलंकार है? विरोधाभास सन्देह दृष्टान्त मानवीकरण 45 / 50 निम्नलिखित विकल्पों में से शब्दालंकार को चिह्नित कीजिए? प्रतीप यमक रूपक व्यतिरेक 46 / 50 ‘मन सागर मनसा लहरि, बड़े बहे अनेक ।’ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? अतद्गुण श्लेष रूपक वक्रोक्ति 47 / 50 ‘रावण सिर सरोज बनचारी चलि रघुवीर सिली-मुख धारी। सिली मुख में अलंकार है? उपमा लाटानुप्रास श्लेष वृत्यनुप्रास 48 / 50 ‘कुल कानन कुंडल मोर पखा, उर पे बनमाल विराजति है।’ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? श्लेष वक्रोक्ति अनुप्रास यमक 49 / 50 ‘ सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी’ में कौन-सा अलंकार है? उत्प्रेक्षा व्यतिरेक रूपक अनुप्रास 50 / 50 ‘दीप सा मन जल चुका है।’ इस पंक्ति में ‘वाचक’ शब्द है? जल चुका मन सा दीप Your score isThe average score is 44% 0% Restart quiz अलंकार 4 1 / 37 जहाँ एक व्यंजन की आवृत्ति एक या अनेक बार हो, वहाँ होता है? वृत्यनुप्रास अनेकानुप्रास लाटानुप्रास छेकानुप्रास 2 / 37 प्रत्यक्ष के द्वारा अप्रत्यक्ष का चमत्कारपूर्ण वर्णन किस अलंकार का लक्षण है? अनुमान एकावली परिकर कारणमाला 3 / 37 रहिमन जो गति दीप की कुल कपूत गति सोय बारे उजियारै लगै, बढ़े अंधेरो होय प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? श्लेष उपमा रूपक यमक 4 / 37 उदित उदय गिरि मंच पर, रघुबर बाल पतंग | विकसे संत सरोज सब, हरणे लोचन भृंग।’ इस दोहे में कौन-सा अलंकार है? उत्प्रेक्षा रूपक श्लेष उपमा 5 / 37 ज्यों-ज्यों बूड़े स्याम रंग, त्यों-त्यों उज्ज्वल होय’ इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? विरोधाभास यमक उपमा उत्प्रेक्षा 6 / 37 निम्न में से कौन अर्थालंकार है? यमक वक्रोक्ति रूपक श्लेष 7 / 37 नवल सुन्दर श्याम शरीर में कौन-सा अलंकार है? उपमा उल्लेख अतिशयोक्ति रूपक 8 / 37 “फूले कास सकल महि छाई । जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई।” उपर्युक्त में कौन-सा अलंकार है? श्लेष उपमा रूपक उत्प्रेक्षा 9 / 37 रूपक अलंकार यहाँ होता है? उपमेय उपमान की समानता में उपमेय से उपमान की हीनता में उपमेय उपमान के अभेद में उपमेय से उपमान की विशिष्टता में 10 / 37 ‘जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं इस काव्य पंक्ति में दिए गए विकल्पों में सही अलंकार का चयन कीजिए? रूपक श्लेष उपमा यमक 11 / 37 माँ के शुचि उपकारों का, जीवन में अन्त नहीं है। निस्वार्थ साधना पथ पर, माँ जैसा सन्त नहीं है। उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में मुख्य रूप से कौन-सा अलंकार लक्षित हो रहा है? प्रतीप अनन्वय विभावना विशेषोक्ति 12 / 37 संगति सुमति न पावई, परे कुमति के धंध । राखी मेलि कपूर में हींग न होय सुगंध । में कौन-सा अलंकार है? यमक श्रुत्यनुप्रास रूपक दृष्टांत 13 / 37 नहिं पराग नहि मधुर मधु, नहि विकास इहि काल । अली कली ही सौं विध्यों, आगे कौन हवाल ॥ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? अतिशयोक्ति रूपक अन्योक्ति विशेषोक्ति 14 / 37 साधारणतया यमक का ठीक उल्टा इस अलंकार को माना जाता है? वृत्यनुप्रास श्लेष रूपक लाटानुप्रास 15 / 37 सिर झुका तूने नियति की मान ली यह बात । स्वयं ही मुरझा गया तेरा हृदय जलजात प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? रूपक श्लेष वक्रोक्ति लाटानुप्रास 16 / 37 पायें महावर देन को नाइन बैठी आय। फिर फिर – जानि महावरी, एड़ी मीड़ति जाय ॥ में कौन-सा अलंकार है? संदेह प्रतीप भ्रान्तिमान अतिशयोक्ति 17 / 37 अब अलि रही गुलाब में, अपत कटीली डार में कौन-सा अलंकार है? उपमा उत्प्रेक्षा अतिशयोक्ति अन्योक्ति 18 / 37 जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास किया जाए, वहाँ पर होता है? व्यतिरेक विरोधाभास दृष्टांत अतिशयोक्ति 19 / 37 “तरनि-तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए झुके कूल सो जल परसन हित मनहुँ सुहाए।” उपर्युक्त पंक्तियों में अलंकार है? शब्दार्थालंकार स्वभावोक्ति वृत्यनुप्रास उत्प्रेक्षा 20 / 37 नीर भरे नित प्रति रहें तऊ न प्यास बुझाई’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? उपमा विभावना अतिशयोक्ति विशेषोक्ति 21 / 37 ‘पीपर पात सरिस मनडोला’ पंक्ति में अलंकार है? उपमा अतिशयोक्ति रूपक उत्प्रेक्षा 22 / 37 विमाता बन गई आँधी भयावह हुआ चंचल न फिर भी श्यामघन वह प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? श्लेष वक्रोक्ति अतद्गुण रूपक 23 / 37 किस पंक्ति में ‘अपह्नुति’ अलंकार है? चन्द्र इसके मुख के समान है। इसका मुख चन्द्रमा के समान है। यह चन्द्र नहीं मुख है इसका मुख ही चन्द्र है। 24 / 37 उपमान और उपमेय का अभेद कहलाता है? उत्प्रेक्षा उपमा रूपक भ्रांतिमान 25 / 37 वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? लाटानुप्रास वृत्यनुप्रास रूपक छेकानुप्रास 26 / 37 कबिरा सोई पीर है, जे जाने पर पीर । जे पर पीर न जानई, सो काफिर बेपीर ॥ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? श्लेष यमक रूपक पुनरुक्ति 27 / 37 चरण धरत चिंता करत, चितवत चारिउ ओर। सुबरन को ढूँढ़त फिरत, कवि व्यभिचारी चोर ॥ उपर्युक्त दोहे में कौन-सा अलंकार है? श्लेष उपमा रूपक यमक 28 / 37 बीती विभावरी जाग री अम्बर- पनघट में डूबो रही तारा घट ऊषा नागरी ॥* उपर्युक्त में कौन-सा अलंकार है? संदेह रूपक उपमा अनुप्रास 29 / 37 कनक – कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय वा खाए बौरात नर या पाए बौराय ॥ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? अनुप्रास श्लेष यमक उपमा 30 / 37 जहाँ उपमेय का निषेध करके उपमान का आरोप किया जाए. वहाँ होता है? रूपक अलंकार उपमा अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार अपह्नुति अलंकार 31 / 37 तू रूप है किरण में, सौन्दर्य है सुमन में; तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में। उपर्युक्त में कौन-सा अलंकार है? उपमा विरोधाभास रूपक उल्लेख 32 / 37 ‘सूर सूर तुलसी ससी उडगन केशवदास । अब के कवि खद्योत सम जहँ तहँ करत प्रकास । इन पंक्तियों में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है? विरोधाभास उत्प्रेक्षा यमक अनुप्रास 33 / 37 श्लेष अलंकार होता है? शब्दालंकार अर्थालंकार सबसे अलग उभयालंकार 34 / 37 ‘मुदित महीपति मंदिर आए सेवक सचिव सुमंत बुलाए पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? यमक अनुप्रास उपमा रूपक 35 / 37 रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून’ में कौन-सा अलंकार है? श्लेष यमक दृष्टांत भ्रांतिमान 36 / 37 उपमेय में कल्पित उपमान की सम्भावना को कहते हैं? रूपक दृष्टांत उत्प्रेक्षा उपमा 37 / 37 हनुमान की पूँछ में, लगन न पाई आग। लंका सिगरी जल गई गए निसाचर भाग प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? श्लेष अतिशयोक्ति वक्रोक्ति रूपक Your score isThe average score is 24% 0% Restart quiz