छन्द 1 / 53 किस छंद को ‘मनहरण’ कहा जाता है? घनाक्षरी दोहा बरवै सवैया 2 / 53 दोहे और रोले को क्रम से मिलाने पर कौन-सा छंद बनता है? हरिगीतिका सवैया कुण्डलिया बरवै 3 / 53 मात्रिक विषम संयुक्त छंद है? छप्पय कुण्डलियाँ सोरठा हरिगीतिका 4 / 53 ‘निज भाषा उन्नत अहै, सब उन्नति कै मूल । बिन निज भाषा ज्ञान कै मिटै न हिय के सूल उक्त पंक्ति में कौन-सा छंद है? दोहा सोरठा हरिगीतिका रोला 5 / 53 वह सम मात्रिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में 24-24 मात्राएँ हों तथा प्रत्येक चरण में 11वीं एवं 13वीं मात्रा पर यति होती हो, कौन-सा छंद कहा जायेगा? सवैया कवित्त सोरठा रोला 6 / 53 छंद की प्रथम चर्चा कहाँ हुई? अथर्ववेद में ऋग्वेद में महाभारत में रामचरितमानस में 7 / 53 निम्न में कौन मात्रिक छंद है? चौपाई रोला ये सभी दोहा 8 / 53 बिना विचार जब काम होगा, कभी न अच्छा परिणाम होगा। प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है? मालिनी उपेन्द्रवजा दोहा सोरठा 9 / 53 निम्न में से कौन वर्णिक छंद है? चौपाई रोला दोहा सवैया 10 / 53 कोई भी छंद किससे विभक्त रहता है? चरणों में इनमें से कोई नहीं दोनों में ही यति में 11 / 53 ‘रामचरितमानस’ नामक महाकाव्य की रचना-शैली है? मसनवी शैली उपर्युक्त सभी दोहा-चौपाई शैली बरवै शैली 12 / 53 “मूक होई वाचाल पंगु चढ्इ गिरिवर गहन । जसु कृपा सो दयाल, द्रवहु सकल कलिमल दहन ।” प्रस्तुत पंक्तियों में कौन- सा छंद है? बरवै चौपाई दोहा सोरठा 13 / 53 दोहे और रोले को क्रम से मिलाने पर कौन-सा छंद बनता है? सवैया हरिगीतिका बरवै कुण्डलियाँ 14 / 53 जिस छंद को कवि अपनी इच्छानुसार घटा-बढ़ा कर रचना करता है, उसे कहते हैं? अकविता छंद केंचुआ छंद घनाक्षरी गेय छंद 15 / 53 कुंडलियाँ छंद में कितने चरण होते हैं? 3 10 6 4 16 / 53 अनुष्टुप है? एक गुण एक छंद एक अलंकार एक रस 17 / 53 अवधी का निजी छंद है? कवित्त बरवै रोला छप्पय 18 / 53 चौपाई के प्रत्येक चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं? 16 20 17 15 19 / 53 कितने वर्णों को मिलाकर एक गण बनता है? 2 3 5 4 20 / 53 वर्णिक छंदों में किसका विचार होता है? वर्ण का मात्रा का मात्रा और वर्ण का वर्ण की गुरुता का 21 / 53 सुन सिय सत्य असीम हमारी पूजहि मन कामना तुम्हारी प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है? दोहा चौपाई सोरठा बरवै 22 / 53 मात्रा की दृष्टि से दोहा के ठीक विपरीत होता है? सोरठा रोला चौपाई छप्पय 23 / 53 निम्नलिखित प्रश्न के चार विकल्पों में से उस सही विकल्प का चयन करें जो बताता है कि जहाँ छंद में सभी चरण समान होते हैं, उसे क्या कहा जाता है? मात्रिक छंद विषममात्रिक छंद अर्द्धमात्रिक छंद सममात्रिक छंद 24 / 53 अवधि शिला का उर पर था गुरु भार तिल-तिल काट रही थी. दृग जल धार प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है? सोरठा बरवै दोहा रोला 25 / 53 जिस छंद में चार चरण और प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं, वह कहलाता है? सोरठा चौपाई रोला दोहा 26 / 53 दोहा के प्रथम और तृतीय चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं? 12 14 13 11 27 / 53 ‘छंदशास्त्र’ के आदि प्रणेता थे? बिहारी केशवदास पिंगलऋषि वाल्मीकि ऋषि 28 / 53 वीर या आल्हा किस जाति का छंद है? मुक्त मात्रिक इनमें से कोई नहीं वर्णिक 29 / 53 घनाक्षरी छंद है? मात्रिक इनमें से कोई नहीं वर्णिक आक्षरिक 30 / 53 दामिनि दमक रह न घन मांही। खल कै प्रीति जथा थिर नांही। इन पंक्तियों में कौन-सा छंद है? दोहा चौपाई सोरठा सवैया 31 / 53 ‘छंदशास्त्र’ के प्रणेता आचार्य माने जाते हैं? मनु पाणिनी पिंगल पतंजलि 32 / 53 मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदशरथ अजिर बिहारी इन पंक्तियों में किस छंद का प्रयोग हुआ है? सवैया दोहा चौपाई सोरठा 33 / 53 निम्न में से कौन वर्णिक छंद है? सवैया दोहा चौपाई रोला 34 / 53 श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि । बरनउ रघुवर विमल जस, जो दायक फल चार । प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है? दोहा कवित्त चौपाई सवैया 35 / 53 अर्द्धसम मात्रिक जाति का छंद है? दोहा कुण्डलिया रोला चौपाई 36 / 53 निम्नलिखित में से कौन-सा छंद दोहा का विपरीत छंद है? इनमें से कोई नहीं छप्पय चौपाई रोला 37 / 53 शिल्पगत आधार पर दोहे से उल्टा छंद है? सोरठा रोला चौपाई बरवै 38 / 53 जो जग हित पर प्राण निछावर है कर पाता। जिसका तन है किसी लोक हित में लग जाता। ये है? हरिगीतिका रोला दोहा बर 39 / 53 सुन सिय सत्य असीस हमारी। पूजहि मन कामना तुम्हारी ॥ उक्ति पंक्ति में कौन-सा छंद है? चौपाई सोरठा बरवै दोहा 40 / 53 छप्पय में होते हैं, प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है? प्रथम दो चरण रोला के और अन्तिम चार चरण उल्लाला के प्रथम चार चरण रोला के और अन्तिम दो चरण उल्लाला के प्रथम चार चरण चौपाई के और अन्तिम दो चरण दोहा के इनमें से कोई नहीं 41 / 53 कुण्डलिया छंद किन दो छंदों से मिलकर बनता है? दोहा और चौपाई सोरठा और रोला दोहा और रोला दोहा और सोरठा 42 / 53 जिस छन्द के प्रथम तथा तृतीय चरण में 12-12 मात्राएँ एवं द्वितीय तथा चतुर्थ चरण में 7-7 मात्राएँ होती हैं, साथ ही सम चरणों के अन्त में जगण ( |S|) होता है, वह छंद है? बरवै मालिनी इन्द्रवजा रोला 43 / 53 गणों की संख्या कितनी होती है? 8 9 7 5 44 / 53 किस छंद में छः चरण होते हैं? बरवै छप्पय चौपाई सोरठा 45 / 53 ‘दोहा’ के प्रथम चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं? 13 14 11 12 46 / 53 जिहि सुमिरत सिधि होइ, गननायक करिवर बदन करहु अनुग्रह सोइ, बुद्धि रासि सुभ गुन सदन ।” उपर्युक्त पंक्तियों में छंद है? बरवै दोहा रोला सोरता 47 / 53 एक छंद में कितने चरण होते हैं? 8 4 6 10 48 / 53 छंद को पढ़ते समय ठहराव की स्थिति को कहते हैं? यति गति तुक पद 49 / 53 जो मात्रिक सम छंद है उसके प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं उसे कहते हैं? चौपाई सोरठा दोहा रोला 50 / 53 जय हनुमान ग्यान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर प्रस्तुत पंतियों में कौन-सा छंद है? दोहा चौपाई बरवै सोरठा 51 / 53 छंद कितने प्रकार के होते हैं? 3 2 4 5 52 / 53 लालदेह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर वज्र देहदानव दलन, जय जय जय कपिसूर ॥ प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है? चौपाई बरवै दोहा सोरठा 53 / 53 चौपाई के प्रत्येक चरण में मात्राएँ होती हैं? 16 13 15 11 Your score isThe average score is 65% 0% Restart quiz