64. कथन I: आरंभिक आर्य, जो अनिवार्यत: पशुचारी थे, ने ऐसी कोई राजनीतिक संरचना विकसित नहीं की थी जिसे प्राचीन अथवा आधुनिक अर्थ में राज्य के रूप में मापा जा सके।
कथन II: राजतंत्र वैसा ही था जैसा कि जनजाति मुखियातंत्र; जनजाति मुखिया के लिए ‘राजन’ शब्द का प्रयोग होता था, जो मुख्यत: एक सेनापति था और जो अपने लोगों पर शासन करता था, किसी विशेष क्षेत्र पर नहीं।